साइबर क्राइम पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट ऑनलाइन फ्रॉड मामले में तीन और शातिर आरोपियो को किया काबू

साइबर क्राइम पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट ऑनलाइन फ्रॉड मामले में तीन और शातिर आरोपियो को किया काबू

Cyber ​​Crime Police arrested three more accused

Cyber ​​Crime Police arrested three more accused

पुलिस ने तीनों आरोपियों को बिजनौर यूपी से गिरफ्तार किया।

पुलिस अब तक डिजिटल अरेस्ट ऑनलाइन फ्रॉड मामले में कुल 11 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी।

रंजीत शम्मी चंडीगढ़। Cyber ​​Crime Police arrested three more accused: यूटी पुलिस का अहम थाना माने जाने वाले साइबर क्राइम पुलिस ने एक बार फिर बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए डिजिटल अरेस्ट ऑनलाइन फ्रॉड मामले में तीन और शातिर आरोपियो को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियो की पहचान 23 वर्षीय अनुराग,
24 वर्षीय अभिजीत और 20 वर्षीय प्रशान्त कुमार के रूप में हुई है। पुलिस ने उक्त मामले में अब तक कुल 11 शातिर आरोपियो को गिरफ्तार कर चुकी है। जानकारी के अनुसार साइबर क्राइम पुलिस को गुप्त सूचना और टेक्निकल तकनीक के जरिए सूचना मिली थी कि डिजिटल अरेस्ट ऑनलाइन फ्रॉड मामले में आरोपी यूपी में सक्रिय है। मामले को गंभीरता से लेते हुए और चंडीगढ़ पुलिस के आला अधिकारियों के दिशा निर्देशों के चलते थाना साइबर सैल पुलिस की टीम ने आरोपियो को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो मामले का खुलासा हुआ। पुलिस ने तुंरत उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

क्या था मामला

जानकारी के अनुसार सैक्टर 10 निवासी पीड़िता महिला ने पुलिस को बताया था कि 3 मई 2025 की सुबह भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) से एक कॉल आया।जिसमें दावा किया गया कि उनके सिम कार्ड का दुरुपयोग किया गया है।और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।इसके तुरंत बाद एक व्यक्ति ने पुलिस अधिकारी के रूप में खुद को पेश करते हुए व्हाट्सएप वीडियो कॉल किया।जिसने उसे एक एयरवेज के सीईओ से जुड़े एक हाई-प्रोफाइल मनी लॉन्ड्रिंग मामले से संबंधित उसके नाम पर जारी किए गए दो गिरफ्तारी वारंटों के बारे में गलत जानकारी दी।हाई-प्रेशर वीडियो कॉल की एक श्रृंखला में घोटालेबाजों ने फर्जी गिरफ्तारी वारंट दिखाए। डीआईजी सीबीआई जैसे वरिष्ठ अधिकारियों का प्रतिरूपण किया।और सर्वोच्च न्यायालय के विभिन्न  न्यायाधीशों का प्रतिरूपण किया।और पीड़िता महिला को गोपनीयता की शपथ लेने के लिए मजबूर किया। उसके धन को वेरीफाई करने और उसका नाम साफ़ करने के लिए, उन्होंने उसे अपने जीवन की बचत लगभग 2.5 करोड़ कई धोखाधड़ी से संचालित बैंक खातों में जमा करने के लिए धोखा दिया।

आरोपियो की भूमिका –

जानकारी के अनुसार पकड़े गए आरोपी बिजनौर निवासी प्रशांत कुमार को यूपी बिजनौर से गिरफ्तार किया।उसने कबूल किया कि उसका मोबाइल नंबर किसी अन्य व्यक्ति के केवाईसी दस्तावेजों के साथ खोले गए।और एक बैंक खाते से जुड़ा हुआ था।जिसे उसने घोटाले में इस्तेमाल करने के लिए मदद की। जिससे उसे 54 हजार रुपए मिले।उसने अभिजीत और अनुराग की संलिप्तता का खुलासा किया।और नासिक, मुंबई और भोपाल में अन्य लोगों के साथ बैठकें कीं। जिन्होंने प्रति खाते 15% कमीशन की पेशकश की।इसके अलावा यूपी में छापेमारी की गई। जहां 27 जून 2025 को अभिजीत और अनुराग @ विक्रांत को गिरफ्तार किया गया। उनके कब्जे से कई मोबाइल फोन और खाता दस्तावेजों की फोटोकॉपी बरामद की गई।पूछताछ के दौरान सभी आरोपियों ने अपनी भूमिका स्वीकार की और खुलासा किया कि अन्य आरोपी, गिरफ्तार आरोपियों की आगे की जांच के लिए पुलिस हिरासत मांगी गई है। धोखाधड़ी नेटवर्क के अन्य सदस्यों की पहचान करने और उन्हें पकड़ने और ठगी गई धनराशि का पता लगाने और उसे बरामद करने के प्रयास जारी हैं।

बरामदगी:

पुलिस ने पकड़े गए आरोपियो के कब्जे से 03 सक्रिय सिम कार्ड वाले मोबाइल फोन,केवाईसी दस्तावेज और अन्य फॉर्म वाले बरामद किए।